भगवान तो हर जगह है लेकिन अपने ही रूप में मां को भेजा है इसलिए तो कहा है मां का दर्जा औ भगवान तो हर जगह है लेकिन अपने ही रूप में मां को भेजा है इसलिए तो कहा है मां क...
कभी कठोर हो जाती है कभी कोमल होजाती है माँ सच मे ऐसी होती है कभी कठोर हो जाती है कभी कोमल होजाती है माँ सच मे ऐसी होती है
वो एक नारी दुख भले हो मन में बहुत पर चेहरे पर कभी नहीं लाती है, काल्पनिक मुस्कान द वो एक नारी दुख भले हो मन में बहुत पर चेहरे पर कभी नहीं लाती है, काल्...
बाबू जी यह कैसा है त्यौहार? क्यों टकराते हैं लोगों के विचार? बाबू जी यह कैसा है त्यौहार? क्यों टकराते हैं लोगों के विचार?
पर अपनी ढाल तुझे खुद ही बनना है, यह मैं ही सिखाऊंगी तुझे। पर अपनी ढाल तुझे खुद ही बनना है, यह मैं ही सिखाऊंगी तुझे।
जब परिवार के सदस्य अप्रिय लगने लगें और पराये अपने लगने लगें तो, समझ लीजिए विनाश का स जब परिवार के सदस्य अप्रिय लगने लगें और पराये अपने लगने लगें तो, समझ लीजिए...